तकनीकी के साथ प्रशिक्षण और सीखने के परिदृश्य बदलने के इस दौर में प्रशिक्षण की भरपूर और अलग-अलग विधियां फल-फूल रही हैं, जो देश भर के स्कूलों में बेहद लोकप्रिय भी हो रही हैं. फ़्लिप्ड क्लासरूम से लेकर ऑनलाइन सामूहिक पठन जैसी विधियों तक शिक्षक स्थानीय बच्चों को डिजिटल रूप से स्कूलों में जोड़े रखने के लिए अलग-अलग तकनीकी अपना रहे हैं.
मेकरस्पेस ऐसे ही टूलों में से एक है, जिसे भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के कई शिक्षा संस्थानों ने खुले दिल से अपनाया है. तो मेकरस्पेस आख़िर है क्या? मेकरस्पेस किसी शैक्षणिक ढांचे में एक ऐसी जगह है, जो बच्चों को मुफ़्त टूल और सुविधाएं मुहैया करवाती है, ताकि वे अपनी परिकल्पनाओं और सुझावों को वास्तविक जीवन में उतार लाएँ.
मेकरस्पेस को हाल ही में 2015 की न्यू मीडिया कॉन्ज़ॉर्टियम (NMC) की होराइज़न रिपोर्ट द्वारा के-12 शिक्षा के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण छह शैक्षणिक विकासों में से एक माना गया है. इस रिपोर्ट में कहा गया है, “मेकरस्पेस को लगातार ऐसी विधि के रूप में देखा जा रहा है, जो सीखने वालों को सृजनात्मक, हाथ से बनी डिज़ाइनों के माध्यम से उच्च स्तरीय समस्या-समाधान, संरचना और पुररावृत्ति से जोड़े रखता है.” (पृष्ठ 38). बच्चे मेकरस्पेस द्वारा मुहैया करवाए जा रहे टूल और सुविधाओं की मदद से अपने सिद्धांतों को परखते हैं और अपनी परिकल्पनाओं और अपने सुझावों को जीवन में उतारते हैं.
इतना ही नहीं, मेकरस्पेस उन्हें ऐसा कुछ करने के लिए भी तैयार करता है जो उनके पाठ्यक्रम का हिस्सा तो नहीं है लेकिन उसका महत्त्व काफ़ी होता है. [2]
मुंबई के आर. एन. पोद्दार स्कूल से जुड़ी रहीं शिक्षा सलाहकार वर्षा भंबानी कहती हैं, “मेकरस्पेस का इस्तेमाल सामाजिक और सांस्कृतिक ज्ञान लागू करने में भी किया जा सकता है. यह बच्चों के लिए एक ऐसा शानदार माध्यम है जिसकी मदद से वे न सिर्फ़ परिकल्पनाओं के बारे में जान सकते हैं, बल्कि उन्हें अच्छी तरह समझने और अपने ख़ुद के सुझाव विकसित करने में भी इस्तेमाल कर सकते हैं."
इस सफ़र की शुरुआत करने में आपकी मदद करने के लिए हम आपको यहाँ जानकारी का एक आसान ग्राफ़ दिखाते हैं, ताकि आप अपने स्कूल में मेकरस्पेस का निर्माण कर सकें.
इसके साथ ही, सुश्री भंबानी यह भी सलाह देती हैं कि अपने मेकरस्पेस में स्क्रैच, मैकी मैकी, मेकब्लॉक़ जैसे विभिन्न प्रकार के टूल और सॉफ़्टवेयर का संग्रह कर लें. इनकी सूची भी यहाँ दी गई है. ये टूल कंप्यूटर की मदद से बच्चों में सृजनात्मकता का संचार करते हैं. कंप्यूटर मेकरस्पेस में साँस फूँकते हैं, बिल्डिंग ब्लॉक्स के रूप में काम करते हैं जिससे बच्चों को उनकी सृजनात्मकता के बारे में पता चलता है. मेकरस्पेस में विद्यार्थी पीसी की मदद से ऑनलाइन कोर्सेस के ज़रिए डिज़ाइन बनाना सीखते हैं, पूरी किताब की स्क्रीन प्रिंटिंग करना सीखते हैं और 3डी प्रिंटर की मदद से मॉडल इमारतें और घर बनाना भी सीखते हैं. [1] इसलिए यह काफ़ी महत्त्वपूर्ण हो जाता है कि आप मेकरस्पेस के लिए अच्छा-सा पीसी ख़रीदें. यह पीसी असीम संभावनाओं के दरवाज़े खोल देता है.
शैक्षणिक मेकरस्पेस के कई और अलग-अलग फ़ायदे हैं. हालाँकि ऐसा नहीं है कि मेकरस्पेस के साथ समस्याएँ नहीं हैं, लेकिन यह विद्यार्थी के प्रशिक्षण और विकास पर बहुत ही महत्त्वपूर्ण प्रभाव डालता है. अपने स्कूल में मेकरस्पेस की स्थापना करना यानी बहुत-से लाभ प्राप्त करना – जैसे जिज्ञासाओं और प्रश्नों से भरे जागरूक दिमाग तैयार होते हैं और उनका जवाब पाने की धुन भी विद्यार्थियों में पैदा होती है. मेकरस्पेस दरअसल विद्यार्थियों में सृजनात्मकता को प्रोत्साहित करने में मदद करता है इसलिए इसे भविष्य का पुस्तकालय भी कहा जाता है. अपने स्कूल में मेकरस्पेस में निवेश करने का अर्थ है कि आप विद्यार्थियों की असीम संभावनाओं के लिए एक नया रास्ता खोल रहे हैं. [5]
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