कार्यान्वयन में चुनौतियाँ और आगे का सफर

आरंभ के जरिए हम लगभग 1.5 मिलियन विद्यार्थियों के साथ संलग्न हुए हैं, और हमारा उद्देश्य 70 शहरों के 5,000 से भी ज्यादा स्कूलों के 1,00,000 शिक्षकों को प्रशिक्षित और प्रमाणित करना है। हमारी यात्रा में हमें अभी तक निम्न सफलताएं मिली हैं और हमनें इन चुनौतियों का सामना किया है।

कान्तार रिपोर्ट के परिणामों से पता चला है कि प्रशिक्षण के प्रति शिक्षकों का रवैया सकारात्मक रहा है। वे सप्ताह के अंत के प्रशिक्षण, विषयवस्तु, प्रशिक्षकों, और प्रशिक्षण के तरीके से खुश हैं।

विद्यार्थियों ने कंप्यूटर-आधारित (पीपीटी) असाइनमेंट माँगना शुरू कर दिया है, जहाँ शिक्षकों का मानना है कि स्मार्ट क्लासेस में 100% उपस्थिति होती है। जिन विद्यार्थियों के घर में पीसी नहीं था उन्होंने असाइनमेंट और समूह टास्क के लिए स्कूल के पीसी का इस्तेमाल किया।

यह यात्रा बिना चुनौतियों की नहीं थी। कुछ माता-पिता लैपटॉप/पीसी खरीदने में असमर्थ थे या उन्हें इंटरनेट समस्याओं का सामना करना पड़ा। बच्चे पीसी पर ज्यादा समय बिताने लगे, जिससे पीसी आधारित असाइनमेंट देना मुश्किल हो गया।

इसके विपरीत, शिक्षक कार्यकम की अवधि और आवृत्ति बढ़ाना चाहते हैं और उत्पादकता सुधारने वाली ऐप्लीकेशनों/टूल्स के बारे में जानना चाहते हैं।

 

 

हितधारक क्या चाहते हैं

84% शिक्षक ऑनलाइन प्रशिक्षण में सहज महसूस करते हैं, जो कि आयु के साथ घटता है। प्रधानाचार्य भी बदलते समय के कारण ऑनलाइन प्रशिक्षण में रूचि दर्शा रहे हैं। प्रायोगिक प्रशिक्षण और शंकाएं दूर करने वाले सेशनों के लिए ऑफलाइन प्रशिक्षण को वरीयता दी जाती है।

 

 

भविष्य में

हम त्रिशंकु तरीके से परिवर्तन कार्यान्वित करेंगे-

  • दोबारा प्रशिक्षण-

उम्र के साथ पीसी की निपुणता और उपयोग घटता है, इसलिए हम वरिष्ठ शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण सेशन आयोजित करेंगे।

  • सेमिनारों का आयोजन-

शिक्षक और प्रबंधक वर्ग कंप्यूटर आधारित शिक्षण के लाभों के बारे में माता-पिता हेतु जागरूकता उपक्रम में सहायता कर सकते हैं।

  • सुझाव शामिल करना-

हम ऑनलाइन प्रशिक्षण जारी रखेंगे क्योंकि 84% शिक्षक इसमें सहज महसूस करते हैं, और बोधात्मक और व्यवहार संबंधित परिवर्तन को पसंद करते हैं।

हम आने वाले वर्षों में भारत में पीसी अनुकूल जनसंख्या सुनिश्चित करने के लिए परिवर्तन लाने की, ज्यादा विद्यार्थियों पर असर डालने की, एवं और भी ज्यादा शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की अपेक्षा करते हैं।