क्या आप हमेशा सोचते हैं कि अपने स्कूल प्रोजेक्ट में 10/10 अंक कैसे ला सकते हैं? क्या आप चाहते हैं कि आपका प्रोजेक्ट सबसे अलग कैसे दिखाई दे? अगर इसका जवाब हाँ है, तो इसका एक गोपनीय सूत्र हम आपके साथ साझा करना चाहते हैं, और उसका नाम है – तकनीकी!
स्कूलों में तकनीकी कम्प्यूटर क्लास की सीमा से निकलकर एक बहुमुखी शिक्षा टूल के रूप में विकसित हो चुकी है, जो कक्षा में परिकल्पनाएँ समझाने और प्रोजेक्ट का संचालन करने का तरीका ही बदल चुकी है.
प्रोजेक्ट में बेहतर ग्रेड लाने के लिए कौन-कौन से तरीके अपनाए जा सकते हैं?
हालाँकि कंपन से आवाज़ निकलती है इसके प्रदर्शन के लिए ट्यूनिंग फ़ॉर्क यानी संस्वरण द्विभुज एक स्वीकृत विधि है, लेकिन यह दिखाना बहुत मुश्किल है कि विकासवाद क्या है, विभिन्न परिस्थितियों में अणु कैसे व्यवहार करते हैं या कोई दो विशेष रसायन जब मिलते हैं, तो ख़तरनाक क्यों हो जाते हैं. इन विभिन्न प्रकार के प्रयोगों का प्रदर्शन ऑनलाइन रूप से उपलब्ध अनुरूपण और प्रतिरूपण की मदद से किया जा सकता है. सबसे अधिक जटिल परिकल्पना पर बेहतर अनुरूपण और प्रतिरूपण के लिए यह लेख ध्यान से पढ़ें. अपने विषय की समझ को आसानी से प्रदर्शित करने के लिए उनका उपयोग करें और अपना प्रोजेक्ट पूरी विशिष्टता के साथ दिखाएँ.
कोई बात समझानी हो, तो उसके इर्द-गिर्द कहानी बुनकर समझाने से बेहतर तरीका कुछ और हो नहीं सकता. आवाज़ और दृश्यों के साथ प्रस्तुत की गई स्टोरीटेलिंग यानी कहानी आपके प्रोजेक्ट को सबसे अलग दिखाने के लिए काफ़ी है! अगर आप यही दृष्टिकोण रखते हैं, तो इस दौरान आप कुछ अतिरिक्त भी सीख सकते हैं, जो पाठ्यपुस्तक में भी नहीं होता. निश्चित ही आप इस प्रक्रिया के दौरान बहुत ही आनंद उठाएँगे.
महाराष्ट्र के उल्हासनगर में स्थित खेमानी स्कूल की प्राधानाचार्य और वरिष्ठ संकाय सदस्या मोनिका सेवानी कहती हैं कि “अगर आप जमा की गई अपनी पूरी जानकारी को स्टोरीटेलिंग या कहानी के ज़रिए कहते हैं, तो आपके प्रोजेक्ट को 10/10 मिलने ही हैं
शिक्षक अपने विद्यार्थियों को उनके प्रेज़ेंटेशन कौशल के आधार जाँचते हैं. अज़ना नईम शिक्षा में पीसी स्टोरीटेलर की विजेता हैं. वे कहती हैं, “सॉफ़्ट स्किल भी उतनी महत्त्वपूर्ण हैं जितनी दूसरी स्किल. अगर बच्चे एमएस पावरपॉइंट असाइनमेंट का उपयोग करते हैं, तो विद्यार्थी अपने प्रेज़ेंटेशन स्किल को बहुत ख़ूबसूरत ढंग से संवार सकते हैं. बस उन्हें चाहिए एक पीसी और एक अच्छा-सा इंटरनेट कनेक्शन. फिर मान कर चलिए कि उनका प्रेज़ेंटेशन यादगार बनने की राह पर चल चुका है!”
विद्यार्थी कहानी सुनाने की कला भी सीख सकते हैं और साथ ही तकनीकी और वक्त के साथ चलते हुए बात भी कर सकते हैं.
आपने अपने शिक्षक और सहपाठियों के साथ मिलकर जो कुछ भी सीखा है, उसे साझा करने के लिए आप चित्रों और पाठ की मदद से शानदार और बेहतरीन प्रेज़ेंटेशन पेश कर सकते हैं.
सामान्य काग़ज़ और कलम के प्रोजेक्ट के बाद अब कम्प्यूटर हमें अवसर देते हैं कि हमने जो कुछ सीखा है उसे बेहतर और अधिक दिलचस्पी के साथ प्रस्तुत करें. जानकारी को सामान्य रूप से प्रदर्शित करने के बजाय कम्प्यूटर हमें न सिर्फ़ शिक्षा को अलग-अलग ढंग से प्रस्तुत करने का मौक़ा देते हैं, और न सिर्फ़ प्रोजेक्ट पर हमें अच्छे अंक दिलवाते हैं, बल्कि ये तो बहुत ही प्रभावशाली ढंग से सिखाते हैं और वह भी बहुत ही दिलचस्प अंदाज़ में!
Aarambh is a pan-India PC for Education initiative engineered to enhance learning using the power of technology; it is designed to help parents, teachers and children find firm footing in Digital India. This initiative seeks to connect parents, teachers and students and provide them the necessary training so that they can better utilise the PC for learning, both at school and at home.