कार्यक्रम का प्रभाव

हमने भारत में पीसी के प्रवेश से संबंधित समस्याओं को संबोधित करने और सुलझाने के लिए डेल आरंभ लॉन्च किया। तकनीक की शक्ति का इस्तेमाल करके माता-पिता, शिक्षकों, और बच्चों हेतु शिक्षण को बढ़ाने के लिए आरंभ, शिक्षा हेतु एक अखिल भारतीय उपक्रम तैयार किया गया। हमारा उद्देश्य संपूर्ण भारत में पीसी से संबंधित अनुभव, उपयोग, और कंप्यूटर शिक्षा में क्रांति लाना है।

 

 

प्रभाव का आंकलन

कान्तार रिपोर्ट के जरिए हमने पता लगाया कि क्या कार्यक्रम से शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के मध्य ज्यादा प्रासंगिकता और पीसी वांछनीयता उत्पन्न हुई है। हमनें प्रशिक्षण में उपस्थित परीक्षण समूह और प्रशिक्षण में अनुपस्थित नियंत्रण समूह के साथ संरचित साक्षात्कार किए।

हमने ऐप के अनुसार उपयोग पर भी ध्यान दिया जहाँ 100% शिक्षकों के पास स्मार्टफ़ोन हैं, और 66% स्कूलों में स्मार्ट क्लास की सुविधा और औसतन 15 पीसी हैं।

 

 

प्रशिक्षण

10 में से 8 शिक्षकों को अंतर्वस्तु आसान, संरचित, प्रभावी, और स्पष्ट लगी। वे चाहते थे कि प्रशिक्षण की आवृत्ति बढ़कर हर 3 माह में हो जाए, जहाँ ऑनलाइन प्रशिक्षण से 10 में से 8 शिक्षक सहज महसूस करते हैं।

 

 

समझ में परिवर्तन

पीसी की ओर रवैया बहुत ज्यादा सुधरा है, क्योंकि अब शिक्षक स्वयं सीखने के लिए और क्लास के अध्यायों की तैयारी के लिए कंप्यूटर और स्मार्टबोर्ड्स का इस्तेमाल कर रहे हैं।

प्रशिक्षित शिक्षकों में से 92% शिक्षकों को लगता है कि शिक्षण में पीसी की सकारात्मक भूमिका है, जबकि प्रशिक्षित शिक्षकों में से 68% शिक्षक कंप्यूटर में कुशल हुए हैं। 83% नियंत्रण समूह को लगता है कि पीसी प्रासंगिक है।

 

 

प्रशिक्षण का प्रभाव

शिक्षक अब अध्ययन सामग्री बनाने के लिए, उदाहरणों और AV के जरिए अवधारणाएं प्रभावी रूप से बताने के लिए, और सुदूर सहयोग हेतु विद्यार्थियों से कनेक्ट होने के लिए स्वतंत्र रूप से पीसी का इस्तेमाल करने में रूचि दिखा रहे हैं, जो कि छोटे शहरों के प्रशिक्षित शिक्षकों में बढ़ा है।

पीसी का उपयोग अंतर्वस्तु अध्याय योजनाएं बनाने, असाइनमेंट देने, विद्यार्थियों से कनेक्ट होने, और स्मार्टबोर्ड्स का इस्तेमाल करने में विस्तारित हुआ है। आरंभ में नकारात्मक संवेदना वाले शिक्षक भी कंप्यूटर में और ज्यादा निपुण हो गए हैं।

 

 

पीसी-केन्द्रित भविष्य

शिक्षकों ने स्वतंत्र रूप से पीसी का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है (37%), और शिक्षकों को लगता है कि स्मार्ट क्लास के दौरान उन्हें 100% उपस्थिति देखने को मिलती है।

शिक्षण उद्योग में समग्र परिवर्तन के साथ, और शिक्षकों, विद्यार्थियों और प्रधानाचार्यों द्वारा बड़े पैमाने पर स्वीकरण के साथ हम आने वाले समय में परिवर्तन लाने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।