शिक्षा लगातार बदल रही है. शिक्षण प्रक्रिया को बच्चों के लिए मज़ेदार, आकर्षक और रुचिकर बनाने के लिए शिक्षाशास्त्री लगातार नई-नई विधियां खोज रहे हैं. इनमें से शिक्षण की एक विधि है - संवादात्मक शिक्षा विधि; जो कक्षा के भीतर और बाहर तथा उससे आगे भी काफ़ी प्रभावशाली साबित हुई है.
संवादात्मक शिक्षा विधि शिक्षा के प्रति बहुत ही व्यावहारिक, वास्तविक दृष्टिकोण रखती है. यह प्रक्रिया दरअसल ज्ञान और अनुप्रयोग की समझ और ग्रहण की प्रक्रिया है, जो कि विद्यार्थी में न केवल पाठ को आत्मसात करने के लिए, बल्कि उससे जुड़ने के लिए भी ज़रूरी है. संवादात्मक शिक्षण प्रक्रिया कोर्स सामग्री को तकनीकी से बहुत सधे हुए तरीके से मिलाती है, ताकि बच्चे को एक असाधारण और अनोखा शिक्षण अनुभव दिया जा सके.
आइए, देखते हैं कि कैसे यह प्रक्रिया बच्चों को बेहतर सीखने में मदद करती है
1. सूक्ष्म और विवेचनात्मक सोच में सुधार करती है और समस्या का समाधान करने का कौशल बढ़ाती है.
सक्रिय वातावरण में पले-बढ़े बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के अतिरिक्त संवादात्मक शिक्षा विधि सूक्ष्म और विवेचनात्मक सोच में सुधार करती है, जो कि विश्लेषणात्मक विवेक बुद्धि के विकास में मूलभूत भूमिका निभाती है. [1]
गणित में विशेष तौर पर अधिकतर बच्चों को रुचि नहीं होती है. इस समस्या का समाधान परस्पर संवादात्मक खेलों की मदद से किया जा सकता है, जो समस्या का समाधान करने के कौशल में सुधार करते हैं.
2. आभासीय भूमिका निभाने की प्रक्रिया बच्चों में वास्तविक समस्याओं का सामना करने का कौशल विकसित करते हैं
विद्यार्थियों को भूमिका निभाने और परस्पर संवादात्मक गेम्स खेलने के लिए प्रोत्साहित करने से उनका अन्तर्व्यक्तित्व, नेतृत्व, दल नेतृत्व और सहयोगात्मक कौशल विकसित होता है और वास्तविक दुनिया की समस्याओं के प्रति उनकी आँखें खुल जाती हैं. 'स्टार क्राफ़्ट' जैसे कुछ ऑनलाइन रणनीतिक गेम्स भी काल्पनिक और वास्तविक जीवन की समस्याओं का समाधान करने में उनकी योग्यता में सुधार कर सकते हैं. शायद इसलिए कि ये गेम्स उपयोगकर्ता को रणनीतिक योजनाएं बनाने और उन्हें लागू करने दोनों ही सिखाते हैं.
हार्वर्ड स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग ऐंड एप्लाइड सांइन्सेस में फ़िज़िक्स और एप्लाइड फ़िज़िक्स के बलकांसी प्रोफ़ेसर एरिक माज़ुर के अनुसार, परस्पर संवादात्मक शिक्षा विधि बच्चों को सिखाती है कि कैसे समूहों में सहयोग दिया जाए और काम किया जाए.
3. यह उन्हें अपने काम के प्रति अधिक एकाग्र और समर्पित बनाती है.
संवादात्मक शिक्षा विधि अब तक की सबसे अधिक आकर्षण व रुचि पैदा करने वाली शिक्षा विधि है. चूंकि बच्चे इसमें तल्लीन हो जाते हैं इसलिए यह उन्हें अपने काम के प्रति अधिक एकाग्र और समर्पित बनाती है. फ़्लैश के रूप में पाए जाने वाले ऑनलाइन गेम्स बच्चे की एकाग्रता बढ़ाने में सहायक होते हैं और साथ ही कई बच्चों के लिए तो एडीएचडी का उपचार भी बन जाते हैं.
4. यह विद्यार्थियों को सृजनात्मक और नवीन समाधान खोजने के लिए समर्थ बनाती है
संवादात्मक शिक्षा विधि नियमित "दो और दो चार" वाली नियमित शिक्षा शैली नहीं है. यह किताबों से बाहर निकलने का साहस दिखाती है और पारम्परिक रटने की शिक्षा विधि से काफ़ी दूर रहती है. यह विद्यार्थियों को प्रासंगिक माध्यम मुहैया करवाती है और साथ ही उन्हें नए-नए समाधान निकालने के लिए पूरी आज़ादी प्रदान करती है. बच्चों को समस्याओं और पठन सामग्री की छानबीन करने में प्रवृत्त करके यह प्रणाली उन्हें सिखाती है कि कैसे स्पष्ट और प्रभावशाली ढंग से सोचा जाए. [2]
जब बच्चे संवादात्मक शिक्षा विधि से सीखते हैं, तो वे परिकल्पनाओं को बेहतर ढंग से समझते हैं और उन्हें अपने दैनिक जीवन में प्रभावशाली ढंग से लागू करने में समर्थ भी होते हैं. संवादात्मक शिक्षा विधि का सबसे उम्दा महत्त्व यह है कि विद्यार्थी केवल ग्रहण करने के बजाए सामग्री सृजित करते हैं जो कि इस तकनीकी युग में महत्त्वपूर्ण विभाजक है.
विद्यार्थियों को संवादात्मक शिक्षा विधि और उसके बाद महत्त्वपूर्ण प्राथमिक परिकल्पनाओं से साक्षात्कार करवाने के लिए पीसी एक बेहतरीन माध्यम है. माता-पिता अब यह महसूस करने लगे हैं कि पीसी की उनके बच्चों की शिक्षा और विकास में कितनी महत्त्वपूर्ण भूमिका है और इसलिए वे उसका अपने घरों में स्वागत करने लगे हैं. जब पीसी को शिक्षा का माध्यम बनाया जाता है, तो वह उन्हें तेज़ी से सिखाता है, होशियार और कुशाग्र बनाता है और साथ ही एक सृजनात्मक व्यक्तित्व के रूप में उन्हें गढ़ता है.
शुभम नासिक में रहने वाला माध्यमिक कक्षा का विद्यार्थी है और कम्प्यूटर की वजह से ही उसकी अपनी अकादमिक परिकल्पना पानी की तरह साफ़ और स्पष्ट है. पीसी शिक्षा को बहुत ही मज़ेदार बना देता है और शुभम इसका उदाहरण है.
बच्चों के लिए ऐसी कई संवादात्मक शिक्षा विधि वेबसाइट्स हैं, जिन पर अपनी परिकल्पनाएं बेहतर ढंग से समझ सकते हैं. ऐसा ही एक उदाहरण है, http://interactivesites.weebly.com/ जो विद्यार्थियों को न केवल नई परिकल्पनाएं तेज़ी से आत्मसात करने में मदद करती है, बल्कि पुरानी परिकल्पनाओं को दोहराने में भी मदद करती है.
Aarambh is a pan-India PC for Education initiative engineered to enhance learning using the power of technology; it is designed to help parents, teachers and children find firm footing in Digital India. This initiative seeks to connect parents, teachers and students and provide them the necessary training so that they can better utilise the PC for learning, both at school and at home.
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