ऐसे सात तरीके जिसने टेक ने शिक्षकों के पढ़ाने के तरीकों को उन्नत किया है

विगत दो वर्षों में शिक्षकों और छात्रों के सीखने की जगह पर इंटरैक्ट करने के तरीके में बहुत बदलाव हुए हैं। सुदूर परिवेश में प्रभावपूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षकों द्वारा किए गए कुछ महत्वपूर्ण अनुकूलन इस प्रकार हैं:

1. ऑनलाइन शिक्षण संसाधनों का उपयोग: शिक्षक डिजिटल संसाधनों की भांति कार्य करने वाले अकैडमी और पोर्टल्स का उपयोग कर सकते हैं। इनमें से कुछ लोकप्रिय संसाधन स्कोलास्टिक, बायजूज और वेदान्तु हैं।

2. मिश्रित शिक्षण तकनीक: प्री-रिकार्डेड पाठ, स्पाइडर वेब चर्चा, थिंक-पेअर-शेयर गतिविधियाँ इत्यादि जैसे कार्यों में ऑनलाइन साधनों के साथ समकालिक और असमकालिक दोनों तरह की युक्तियों का उपयोग करना।

3. ऑनलाइन फोरम: गूगल क्लासरूम जैसे प्लेटफार्म शिक्षकों और छात्रों के मध्य समेकित फ़ाइल शेयरिंग प्रदान करता है और अन्य साधन जैसे गूगल डॉक्स उत्तरदायी पियर-टू-पियर प्रतिक्रिया को प्रोत्साहित करता है।

4. डिजिटल साधन: नियरपॉड कोलाबोरेट जैसे सहयोग बोर्ड जो विद्यार्थी को विषय के संबंध में विचार सहभाजित करने देता है जबकि चर्चा में कौन-कौन भाग ले रहा है इस पर ध्यान देते हुए शिक्षक तय कर सकता है कि चर्चा बोर्ड में क्या जोड़ा जाना चाहिए और क्या नहीं।

5. पुस्तकों का विकल्प: पेपर आधारित संसाधनों के विकल्पों जैसे इ-वर्कशीट, ई-स्केड्यूल इत्यादि के उपयोग को प्रोत्साहन, जो कि एक तरह से बच्चों को भी सीमित प्राकृतिक संसाधनों सेअच्छे से अवगत करवाता है। इससे पीसी शिक्षण पर फोकस पड़ता है।

6. विश्व के संबंध में जानना: पाठ्यक्रम में सोशल मीडिया और सामायिक घटनाओं का समावेश और छात्रों को इंटरनेट से और सुरक्षित रूप से वेब ब्राउज़ करने के बारे में अवगत कराना।

7. पूर्ण शिक्षण: शिक्षकों के सुधार के लिए लगातार फीडबेक के साथ एक समग्र शिक्षण परिवेश जो रूचि के सभी क्षेत्रों में विकास को प्रोत्साहित करता है।

शिक्षक अब विस्तृत सीमाओं और नई और सुधारित शिक्षण प्रतिक्रिया के प्रति खुले विचारों के साथ शिक्षाविद बन गए हैं। शिक्षकों और छात्रों को और बड़ी शिक्षण संभावनाओं द्वारा सशक्त करने के लिए डेल पीसी साक्षरता को प्रोत्साहित करता है। अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।